रामचरितमानस, पंचतंत्र यूनेस्को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल रामचरितमानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को “यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर” (UNESCO's Memory of the World Asia-Pacific Regional Register) में शामिल किया गया है। By Lotpot 14 May 2024 in Positive News New Update रामचरितमानस, पंचतंत्र यूनेस्को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 रामचरितमानस, पंचतंत्र यूनेस्को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल:- मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड (The Memory of the World)(एमओडब्ल्यू) रजिस्टर उन दस्तावेजी विरासतों को सूचीबद्ध करता है, जिन्हें विश्व महत्व (world significance) और उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य (outstanding universal value) के संबंध में चयन मानदंडों के अनुरूप अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार समिति (International Advisory Committee) द्वारा अनुशंसित किया गया है, और कार्यकारी बोर्ड द्वारा समर्थित किया गया है। (Positive News) रामचरितमानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को “यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर” (UNESCO's Memory of the World Asia-Pacific Regional Register) में शामिल किया गया है। यह भारत के लिए गौरव का क्षण है, देश की समृद्ध साहित्यिक विरासत और सांस्कृतिक विरासत की पुष्टि है। इन साहित्यिक उत्कृष्ट कृतियों (literary masterpieces) का सम्मान करके, समाज न केवल उनके रचनाकारों की रचनात्मक प्रतिभा को... इन साहित्यिक उत्कृष्ट कृतियों (literary masterpieces) का सम्मान करके, समाज न केवल उनके रचनाकारों की रचनात्मक प्रतिभा को श्रद्धांजलि देता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि उनका गहन ज्ञान और कालातीत शिक्षाएँ (timeless teachings) भावी पीढ़ियों को प्रेरित और प्रबुद्ध (enlighten future generations) करती रहें। (Positive News) ‘रामचरितमानस’, ‘पंचतंत्र’ और ‘सहृदयालोक-लोकन’ ऐसी कालजयी (timeless) रचनाएँ हैं जिन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया है, देश के नैतिक ताने-बाने और कलात्मक अभिव्यक्तियों को आकार दिया है। इन साहित्यिक कृतियों ने समय और स्थान से परे जाकर भारत के भीतर और बाहर दोनों जगह पाठकों और कलाकारों पर अमिट छाप छोड़ी है। उल्लेखनीय है कि 'सहृदयालोक-लोकन', 'पंचतंत्र' और 'रामचरितमानस' की रचना क्रमशः पं. आचार्य आनंदवर्धन, विष्णु शर्मा, और गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (The Indira Gandhi National Centre for the Arts) (आईजीएनसीए) ने मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड कमेटी फॉर एशिया एंड द पैसिफिक (Memory of the World Committee for Asia and the Pacific) (एमओडब्ल्यूसीएपी) की 10वीं बैठक के दौरान एक ऐतिहासिक क्षण हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उलानबटार (Ulaanbaatar) में सभा में, सदस्य देशों के 38 प्रतिनिधि 40 पर्यवेक्षकों और नामांकित व्यक्तियों के साथ एकत्र हुए। तीन भारतीय नामांकनों की वकालत करते हुए, आईजीएनसीए (IGNCA) ने ‘यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर’ में उनका स्थान सुनिश्चित किया। कठोर विचार-विमर्श से गुजरने और रजिस्टर उपसमिति (आरएससी) से सिफारिशें प्राप्त करने और बाद में सदस्य राज्य प्रतिनिधियों द्वारा मतदान के बाद, सभी तीन नामांकनों को शामिल किया गया, जिससे 2008 में रजिस्टर की स्थापना से पहले की महत्वपूर्ण भारतीय प्रविष्टियों को चिह्नित किया गया। (Positive News) lotpot | lotpot E-Comics | Positive News in Hindi | Positive news about India | hindi Positive News | Positive News | UNESCO Memory of the World Register | Ramcharitmanas Panchatantra included in UNESCO Memory of the World Register | Memory of the World Register | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | हिंदी पॉजिटिव न्यूज़ | पॉजिटिव न्यूज़ यह भी जानें:- Positive News: भारत की पहली बहुउद्देशीय हरित हाइड्रोजन पायलट परियोजना Positive News: भारतीय रक्षा निर्यात पहली बार 21,000 करोड़ के पार Positive News: यू.ए.ई. में संपन्न हुआ सी.ओ.पी28 Positive News: सुखोई-30MKI में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उड़ान #लोटपोट #Lotpot #Positive News #पॉजिटिव न्यूज़ #lotpot E-Comics #hindi Positive News #लोटपोट ई-कॉमिक्स #Positive news about India #हिंदी पॉजिटिव न्यूज़ #Positive News in Hindi #UNESCO Memory of the World Register #Ramcharitmanas Panchatantra included in UNESCO Memory of the World Register #Memory of the World Register #रामचरितमानस # पंचतंत्र यूनेस्को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल #यूनेस्को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर You May Also like Read the Next Article